
दरभंगा जिले के तीन प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, 50 से अधिक गांवों के दो लाख लोग प्रभावित हैं।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक गंडक, बागमती में पानी
राज्य में धरधा, गंगा, बूढ़ी, कोसी अधवार, कमला बलान, कमला, महानंदा, परमान और फुलहर नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं.

बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. नेपाल में भारी बारिश के बाद बिहार के करीब 16 जिले बाढ़ में डूब गए हैं (Flood situation in Bihar worsts). दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया, बगहा जैसे जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. पिछले 24 घंटे में राज्य में कई तटबंध टूट गए हैं. राज्य में राहत और बचाव कार्य जारी है.
16 लाख से अधिक लोग प्रभावित
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की लगभग सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू हो गई है.
सरकार ने बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 12 और एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की हैं। एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कई छोटी नदियों में जलस्तर में कमी के बावजूद स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। बाढ़ से 16 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दरभंगा में किरतपुर प्रखंड के सहरसा इलाके में स्थित कोसी नदी का बांध देर रात 12:45 बजे टूट गया। इस बांध के टूटने से एक लाख की आबादी प्रभावित हुई है। मोतिहारी में सिकरहना नदी पर सुगौली में बना रिंग बांध भी 30 सितंबर को टूट गया।
सीतामढ़ी में भी हालात बेहद खराब हैं। 22 साल बाद बागमती नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है। जिसके चलते जिले में तीन जगहों पर बांध टूट गए हैं। पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी का तटबंध भी टूट गया है, जिसके चलते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ जैसे हालात हैं।
शिवहर में एक जगह बांध भी टूट गया। बांध टूटने के बाद 10 पंचायतों के 30 गांवों में संकट की स्थिति है। सुपौल, बगहा, बेतिया, सहरसा, गोपालगंज में भी सैकड़ों घर बाढ़ में डूब गए हैं। सुपौल में लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह रहने को मजबूर हो रहे हैं। रक्सौल-सीतामढ़ी रेल रूट पर गुरहनवा हॉल्ट पर बाढ़ पीड़ित किसी तरह अपना गुजारा कर रहे हैं। बेतिया में लोग दिन-रात अपने घरों की छतों पर रहने को मजबूर हैं।
दरभंगा जिले के तीन प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
50 से अधिक गांवों के दो लाख लोग प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण कुल 7000 हेक्टेयर फसल क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है। पानी उतरने के बाद इन क्षेत्रों के किसानों की फसल क्षति का आकलन किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने प्रभावित लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की है।
राज्य में कई तटबंध टूट गए हैं। बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया,
“राज्य के विभिन्न हिस्सों से अब तक तटबंध टूटने की कुल छह घटनाएं सामने आई हैं। उनमें से कुछ की मरम्मत पहले ही कर दी गई है और अन्य के लिए काम चल रहा है।”
कई नदियां खतरे के निशान को पार कर गईं
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में गंडक, बागमती, धरधा, गंगा, बूढ़ी, कोसी अधवार, कमला बलान, कमला, महानंदा, परमान और फुलहर नदियों का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है।
पिछले कुछ दिनों से राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। 29 सितंबर को ही बिहार में सामान्य से 205 फीसदी अधिक बारिश हुई।